पठानकोट में एयरफोर्स स्टेशन में हुए आतंकवादी हमले को लेकर मोदी सरकार की सख्ती के बाद पाकिस्तान सरकार भी एक्शन में आ गई है. नवाज शरीफ की अध्यक्षता में हुई बैठक में पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार, गृह मंत्री निसार अली खान, विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नसीर खान जांजुआ, विदेश सचिव एजाज अहमद चौधरी और आईबी प्रमुख आफताब सुल्तान के अलावा अन्य अधिकारी भी शामिल हुए. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने शुक्रवार को हाईलेवल मीटिंग में भारत की ओर से सौंपे गए सबूतों के आधार पर दोषियों पर कार्यवाई को लेकर चर्चा की. भारत की ओर से पाकिस्तान को सबूतों के साथ आतंकवादियों के नाम भी सौंपे गए हैं बीते महीने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लाहौर दौरे के बाद से दोनों देशों के संबंध सुधरने की आस जगी थी. उस दौरान नवाज शरीफ ने भी बातचीत आगे बढ़ाने और संबंध सुधारने पर जोर दिया था. बताया जा रहा है कि शरीफ अभी भी अपनी इस बात पर कायम हैं और भारत के साथ संबंध बेहतर करने के लिए आतंकियों के आकाओं पर कार्रवाई के पक्ष में हैं. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि मीटिंग में राष्ट्रीय और क्षेत्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की गई. सूत्रों के मुताबिक, बैठक में पठानकोट आतंकी हमले को लेकर चर्चा हुई. इसमें आतंकवाद को खत्म करने के लिए भारत से किए गए वादे का जिक्र भी हुआ. मीटिंग में भारत सरकार की ओर से सौंपे गए सबूतों की समीक्षा की गई और कार्रवाई कैसे की जाए इस पर भी चर्चा हुई. पाकिस्तान सरकार ठोस सबूत इकट्ठा कर लेना चाहती है. ताकि आरोपियों को अदालत से संदेह का लाभ ना मिले. बीते कई मामलों में आतंकी सबूतों के अभाव में रिहा हो चुके हैं.
पठानकोट में हुए आतंकी हमले में पाकिस्तान का हाथ होने का एक और सबूत सुरक्षा एजेंसियों के हाथ लगा है. खुफिया एजेंसियो ने पाकिस्तान में मौजूद आतंकियों के आका का नंबर ढूंढ़ निकाला है. सूत्रों के मुताबिक, एक टैक्सी ड्राइवर के फोन से आतंकियों ने जो नंबर डायल किए थे उनमें से एक नंबर आतंकी की मां का भी है.
अब बस इंतज़ार है पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ खड़ा होता या हमेशा की धोखा देता है
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