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Monday, August 1, 2011

मेरे जज्बात


समंदर हूँ मै हर वक्त बस खामोश रहता हूँ
मगर जिस दिन उठा उस दिन कोई जलजला होगा
ऐ दोस्त इस ख़ामोशी को मेरी कमजोरी न समझना
उठा हूँ जब भी मै उस दिन एक सैलाब आया है
अभी तो, रो रहा हूँ मै अपने हालात पर लेकिन
छुपा है क्या मेरे पहलु में ,ये वक्त बताएगा

मनीष

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