जहाँ योग्य व्यक्ति तुच्छ लोगो के स्तर तक अपने को गिरा नहीं पायेगा ,
वहा धूर्त और तुच्छ व्यक्ति भी योग्य व्यक्ति को सहन नहीं कर पाएंगे |
धूर्त व्यक्ति अपने ही बौद्धिक स्तर के व्यक्ति को ही नेतृत्व देना पसंद
करेंगे ; क्योकि अपने जैसो से ही तो मुकाबला किया जा सकता है और
उन्हें ही धक्का देकर आगे बड़ा जा सकता है ..................

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