एक और उपग्रह धीरे-धीरे पृथ्वी की ओर बढ़ रहा है। उम्मीद है कि वह पृथ्वी पर इस माह के अंत या नवंबर की शुरुआत में गिरेगा। ‘रोसैट’ नाम का यह उपग्रह जर्मनी का है।
जर्मन वैज्ञानिकों ने इस बात की जानकारी दी है। हालांकि जर्मनी का यह उपग्रह यूएआरएस से छोटा है। यूएआरएस अपर एटमॉसफियर रिसर्च सेटेलाइट छह टन का था, जबकि रोसैट का वजन मात्र ढाई टन है। इसका प्रक्षेपण 1990 में किया गया था। यह सेटेलाइट 1998 में निष्क्रिय हो गया था।
जानकार मानते हैं कि यूएआरएस की तुलना में जर्मन सेटेलाइट से ज़्यादा टुकड़े टूटकर धरती पर गिरेंगे। जर्मन स्पेस एजेंसी का कहना है कि सेटेलाइट के 30 टुकड़े धरती पर गिरेंगे। जर्मन स्पेस एजेंसी ने कहा है कि इस सेटेलाइट के टुकड़ों के किसी शख्स पर गिरने की संभावना 2000 में 1 के बराबर है। जबकि नासा के सेटेलाइट यूएआरएस के टुकड़ों की किसी व्यक्ति पर गिरने की संभावना 3,200 में 1 के बराबर थी।
कुछ दिनों पहले ही अमेरिका का यूएआरएस सेटेलाइट धरती पर आकर गिरा था। हालांकि, यूएआरएस के धरती पर गिरने से जानमाल का नुकसान नहीं हुआ था।
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