21 अक्टूबर 2011
साभार वार्ता
नई दिल्ली। भारत ने फ्रांस से कहा है कि उसके स्कूलों में सिख छात्रों के पगड़ी पहनने पर लगे प्रतिबंध के मुद्दे का परस्पर स्वीकार्य हल निकाला जाना चाहिए।
विदेश मंत्री एस.एम.कृष्णा ने आज यहां फ्रांस के विदेश मंत्री ए. जुप्पी के साथ बैठक के बाद संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पगड़ी गौरव का प्रतीक है और यह हर भारतीय के लिए संवेदनशील मुद्दा है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर श्री जुप्पी के साथ बातचीत की गई है और इस बात पर जोर दिया गया है कि इसका दोनों पक्षों द्वारा स्वीकार्य समाधान निकाला जाना चाहिए।
फ्रांस: पगड़ी मामले में सिखों को भारत से उम्मीदें
श्री कृष्णा ने बताया कि उन्होंने इटली में हवाई अड्डों पर सिखों को पेश आ रही समस्याओं के संबंध में भी वहां के विदेश मंत्री को पत्र लिखा है। इसके अलावा यूरोपीय संघ के साथ भी मुद्दा उठाया गया है।
फ्रांसीसी विदेश मंत्री ने इस बात का खंडन किया कि पगड़ी पहनने पर प्रतिबंध लगाकर उनके देश में सिखों के साथ भेदभाव किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सिख समुदाय को अन्य समुदायों की तरह ही सम्मान मिलता है।
उन्होंने कहा कि फ्रांस का समाज स्वतंत्रता, धर्मनिपेक्षता और लोकतंत्र में विश्वास करता है और मानता है कि धर्म का राजनीति और दैनिक जीवन में हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए। देश में सार्वजनिक स्थानों पर धार्मिक प्रतीकों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध के लिए कानून बनाया गया है।
श्री जुप्पी ने कहा कि फिर भी पगड़ी के मुद्दे पर दोनों देशों के संबंधित अधिकारी विचार-विमर्श कर सकते हैं।
साभार वार्ता
नई दिल्ली। भारत ने फ्रांस से कहा है कि उसके स्कूलों में सिख छात्रों के पगड़ी पहनने पर लगे प्रतिबंध के मुद्दे का परस्पर स्वीकार्य हल निकाला जाना चाहिए।
विदेश मंत्री एस.एम.कृष्णा ने आज यहां फ्रांस के विदेश मंत्री ए. जुप्पी के साथ बैठक के बाद संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पगड़ी गौरव का प्रतीक है और यह हर भारतीय के लिए संवेदनशील मुद्दा है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर श्री जुप्पी के साथ बातचीत की गई है और इस बात पर जोर दिया गया है कि इसका दोनों पक्षों द्वारा स्वीकार्य समाधान निकाला जाना चाहिए।
फ्रांस: पगड़ी मामले में सिखों को भारत से उम्मीदें
श्री कृष्णा ने बताया कि उन्होंने इटली में हवाई अड्डों पर सिखों को पेश आ रही समस्याओं के संबंध में भी वहां के विदेश मंत्री को पत्र लिखा है। इसके अलावा यूरोपीय संघ के साथ भी मुद्दा उठाया गया है।
फ्रांसीसी विदेश मंत्री ने इस बात का खंडन किया कि पगड़ी पहनने पर प्रतिबंध लगाकर उनके देश में सिखों के साथ भेदभाव किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सिख समुदाय को अन्य समुदायों की तरह ही सम्मान मिलता है।
उन्होंने कहा कि फ्रांस का समाज स्वतंत्रता, धर्मनिपेक्षता और लोकतंत्र में विश्वास करता है और मानता है कि धर्म का राजनीति और दैनिक जीवन में हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए। देश में सार्वजनिक स्थानों पर धार्मिक प्रतीकों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध के लिए कानून बनाया गया है।
श्री जुप्पी ने कहा कि फिर भी पगड़ी के मुद्दे पर दोनों देशों के संबंधित अधिकारी विचार-विमर्श कर सकते हैं।

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