अभिनेता सैफ अली खान को उनके पिता मंसूर अली खान पटौदी के निधन के बाद आज यहां पैतृक महल में एक समारोह में पटौदी का दसवां नवाब चुना गया।
हरियाणा के पटौदी स्थित इब्राहिम महल में सोमवार सुबह आयोजित ‘पगड़ी’ समारोह में 41 वर्षीय सैफ को नवाब बनाया गया, जहां 52 गांवों के प्रधानों ने उनके सिर पर सफेद पगड़ी बांधी। इस दौरान उनकी मां शर्मीला टैगोर, बहन सबा और सोहा मौजूद थीं।
इस मौके पर हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपिंदरसिंह हुड्डा भी मौजूद थे। सैफ को अपने पिता की पदवी दी गई है, जिनका 22 सितंबर को निधन हो गया था। सैफ शुरू में नवाब की पदवी नहीं लेना चाहते थे क्योंकि सरकार अब इस पद को नहीं मानती, लेकिन उन्होंने गांव वालों की भावनाओं के सम्मान में परंपरा का निर्वहन किया।
नवनियुक्त नवाब के तौर पर सैफ को अपने पिता की संपदा, पैतृक घर, नेत्र अस्पताल और अन्य परमार्थ संस्थानों की देखभाल करनी होगी। मंसूर अली खान पटौदी की मां भोपाल के आखिरी नवाब हमीदुल्ला खान की बेटी थीं। मंसूर अली खान का जन्म भोपाल में हुआ था।
उन्होंने अपनी मां के उत्तराधिकारी के तौर पर भोपाल के नवाब परिवार का जिम्मा संभाला और इस तरह वे दर्जनों धर्मस्थलों, अनाथालयों और धार्मिक ट्रस्टों के मुतावली (संरक्षक) हो गए जो कि भोपाल की वक्फ संपत्ति का हिस्सा रहे। (भाषा)
हरियाणा के पटौदी स्थित इब्राहिम महल में सोमवार सुबह आयोजित ‘पगड़ी’ समारोह में 41 वर्षीय सैफ को नवाब बनाया गया, जहां 52 गांवों के प्रधानों ने उनके सिर पर सफेद पगड़ी बांधी। इस दौरान उनकी मां शर्मीला टैगोर, बहन सबा और सोहा मौजूद थीं।
इस मौके पर हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपिंदरसिंह हुड्डा भी मौजूद थे। सैफ को अपने पिता की पदवी दी गई है, जिनका 22 सितंबर को निधन हो गया था। सैफ शुरू में नवाब की पदवी नहीं लेना चाहते थे क्योंकि सरकार अब इस पद को नहीं मानती, लेकिन उन्होंने गांव वालों की भावनाओं के सम्मान में परंपरा का निर्वहन किया।
नवनियुक्त नवाब के तौर पर सैफ को अपने पिता की संपदा, पैतृक घर, नेत्र अस्पताल और अन्य परमार्थ संस्थानों की देखभाल करनी होगी। मंसूर अली खान पटौदी की मां भोपाल के आखिरी नवाब हमीदुल्ला खान की बेटी थीं। मंसूर अली खान का जन्म भोपाल में हुआ था।
उन्होंने अपनी मां के उत्तराधिकारी के तौर पर भोपाल के नवाब परिवार का जिम्मा संभाला और इस तरह वे दर्जनों धर्मस्थलों, अनाथालयों और धार्मिक ट्रस्टों के मुतावली (संरक्षक) हो गए जो कि भोपाल की वक्फ संपत्ति का हिस्सा रहे। (भाषा)

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