नई दिल्ली. भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम चला रहे अन्ना हजारे को दोहरा समर्थन मिला है। अब आध्यात्मिक गुरू श्री श्री रविशंकर भ्रष्टाचार के खिलाफ खुल कर सामने आए हैं। वह सात नवंबर से भ्रष्टाचार के खिलाफ यात्रा पर निकल रहे हैं। उनकी यात्रा उत्तर प्रदेश के जौनपुर से शुरू होगी और राज्य में ही खत्म होगी। उधर, जनता की कसौटी पर खरा नहीं उतरने वाले उम्मीदवारों को खारिज करने के अधिकार (राइट टू रिजेक्ट) की टीम अन्ना की मांग से चुनाव आयोग ने सहमति जता दी है।
उत्तर प्रदेश की यात्रा के दौरान श्री श्री अलग-अलग जगहों पर सत्संग करेंगे और लोगों से भ्रष्टाचार के खिलाफ खड़ा होने की अपील करेंगे। जौनपुर से श्री श्री आठ नवंबर को सोनभद्र, नौ नवंबर को मिरजापुर, और 10 नवंबर को सुल्तानपुर में सत्संग करेंगे। 11 नवंबर को कानपुर में उनकी यात्रा का समापन होगा। कानपुर में वह आईआईटी के छात्रों को भी संबोधित करेंगे। उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। इसलिए श्री श्री की यात्रा का खास महत्व बन जाता है। लेकिन उनकी यात्रा के कार्यक्रम पर कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने तीखी टिप्पणी की है।
सिंह ने कहा है, 'परमार्थ घर से शुरू होता है। क्या श्री श्री को अपने अभियान की शुरुआत कर्नाटक से नहीं करनी चाहिए? पर, प्यार अंधा होता है।' उन्होंने आंदोलन का हिसाब-किताब का ब्यौरा (तीसरे रिलेटेड आर्टिकल में पढ़ें)सार्वजनिक करने के बाद टीम अन्ना पर भी निशाना साधा और कहा कि यह तो केवल सुपरहीरो ही कर सकता है कि अज्ञात लोगों से दान ले और फिर उसे लौटा भी दे ( सिंह की पूरी बात दूसरे रिलेटेड आर्टिकल में पढ़ें)।
इस बीच, टीम अन्ना के लिए एक और अच्छी खबर है। उनकी प्रमुख मांगों में से एक, राइट टू रिजेक्ट (प्रत्याशी को नकारने का अधिकार) को गंभीरता से लेते हुए चुनाव आयोग विधि मंत्रालय को पत्र लिखकर पांच राज्यों में होने वाले चुनावों में इसे लागू करने के संबंध में राय मांगेगा।
चुनाव आयोग मंत्रालय से चुनाव संबंधी नियमों में बदलाव करके इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएएम) में एक नए बटन को जोड़ने का प्रस्ताव रखेगा। इस बटन से मतदाता को सभी उम्मीदवारों को नकारने का विकल्प मिल जाएगा।
चुनाव आयोग से मुलाकात के बाद अरविंद केजरीवाल ने बताया कि चुनाव आयोग सैद्धांतिक तौर पर सभी ईवीएम मशीनों में 'इनमें से कोई नहीं' का विकल्प देने पर राजी हो गया है। अब चुनाव आयोग इस संबंध में मंत्रालय को पत्र लिखकर इसे लागू करने के लिए सिफारिश करेगा। हालांकि टीम अन्ना की राइट टू रिकाल (चुने हुए प्रतिनिधियों को वापस बुलाने का अधिकार) की मांग को चुनाव आयोग ने अव्यावहारिक बताते हुए कहा कि यह जटिल प्रक्रिया है और इसे लागू करने से पहले इसके तमाम पहलूओं पर गंभीरता से विचार आवश्यक है।
सोमवार को टीम अन्ना के सदस्यों प्रशांत भूषण, शांति भूषण, किरण बेदी और अरविंद केजरीवाल ने चुनाव आयुक्त से मुलाकात की थी। चुनाव संबंधी मौजूदा नियमों के मुताबिक नियम 49 के तहत मतदाता को तमाम उम्मीदवारों को नकारने का अधिकार तो है लेकिन ऐसा सिर्फ फार्म भरने के बाद ही संभव है। फार्म भरने के कारण मतदाता की पहचान सार्वजनिक हो जाती है जो गुप्त मतदान के सिद्धांत के खिलाफ है।
उत्तर प्रदेश की यात्रा के दौरान श्री श्री अलग-अलग जगहों पर सत्संग करेंगे और लोगों से भ्रष्टाचार के खिलाफ खड़ा होने की अपील करेंगे। जौनपुर से श्री श्री आठ नवंबर को सोनभद्र, नौ नवंबर को मिरजापुर, और 10 नवंबर को सुल्तानपुर में सत्संग करेंगे। 11 नवंबर को कानपुर में उनकी यात्रा का समापन होगा। कानपुर में वह आईआईटी के छात्रों को भी संबोधित करेंगे। उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। इसलिए श्री श्री की यात्रा का खास महत्व बन जाता है। लेकिन उनकी यात्रा के कार्यक्रम पर कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने तीखी टिप्पणी की है।
सिंह ने कहा है, 'परमार्थ घर से शुरू होता है। क्या श्री श्री को अपने अभियान की शुरुआत कर्नाटक से नहीं करनी चाहिए? पर, प्यार अंधा होता है।' उन्होंने आंदोलन का हिसाब-किताब का ब्यौरा (तीसरे रिलेटेड आर्टिकल में पढ़ें)सार्वजनिक करने के बाद टीम अन्ना पर भी निशाना साधा और कहा कि यह तो केवल सुपरहीरो ही कर सकता है कि अज्ञात लोगों से दान ले और फिर उसे लौटा भी दे ( सिंह की पूरी बात दूसरे रिलेटेड आर्टिकल में पढ़ें)।
इस बीच, टीम अन्ना के लिए एक और अच्छी खबर है। उनकी प्रमुख मांगों में से एक, राइट टू रिजेक्ट (प्रत्याशी को नकारने का अधिकार) को गंभीरता से लेते हुए चुनाव आयोग विधि मंत्रालय को पत्र लिखकर पांच राज्यों में होने वाले चुनावों में इसे लागू करने के संबंध में राय मांगेगा।
चुनाव आयोग मंत्रालय से चुनाव संबंधी नियमों में बदलाव करके इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएएम) में एक नए बटन को जोड़ने का प्रस्ताव रखेगा। इस बटन से मतदाता को सभी उम्मीदवारों को नकारने का विकल्प मिल जाएगा।
चुनाव आयोग से मुलाकात के बाद अरविंद केजरीवाल ने बताया कि चुनाव आयोग सैद्धांतिक तौर पर सभी ईवीएम मशीनों में 'इनमें से कोई नहीं' का विकल्प देने पर राजी हो गया है। अब चुनाव आयोग इस संबंध में मंत्रालय को पत्र लिखकर इसे लागू करने के लिए सिफारिश करेगा। हालांकि टीम अन्ना की राइट टू रिकाल (चुने हुए प्रतिनिधियों को वापस बुलाने का अधिकार) की मांग को चुनाव आयोग ने अव्यावहारिक बताते हुए कहा कि यह जटिल प्रक्रिया है और इसे लागू करने से पहले इसके तमाम पहलूओं पर गंभीरता से विचार आवश्यक है।
सोमवार को टीम अन्ना के सदस्यों प्रशांत भूषण, शांति भूषण, किरण बेदी और अरविंद केजरीवाल ने चुनाव आयुक्त से मुलाकात की थी। चुनाव संबंधी मौजूदा नियमों के मुताबिक नियम 49 के तहत मतदाता को तमाम उम्मीदवारों को नकारने का अधिकार तो है लेकिन ऐसा सिर्फ फार्म भरने के बाद ही संभव है। फार्म भरने के कारण मतदाता की पहचान सार्वजनिक हो जाती है जो गुप्त मतदान के सिद्धांत के खिलाफ है।
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