| न्यू मेक्सिको, अमेरिका की मिशेल बी उन महिलाओं में नहीं हैं, जो बीमारी से हार मान लें। बच्चेदानी के मुंह के कैंसर से पीड़ित मिशेल का प्रयास यही है कि अंतिम सांस तक वह महिलाओं को इस बीमारी से बचाव की जानकारी दें। शुक्रवार को मिशेल मेहताब बाग पहुंचीं। यहां से ताजमहल का दीदार किया। जबकि वहां मौजूद लोगों को कैंसर से बचाव के तरीके बताए। अनुमति न होने के कारण वह यमुना में वोट नहीं उतार सकीं। मिशेल बी. हरिद्वार से वाराणसी तक पैडल वोट से यात्रा कर रही हैं। उनके साथ उनकी मां रूठ व डॉक्टरों की टीम भी है। मिशेल का प्रयास है कि वह हर महिला को जागरूक करें, जिससे महिलाएं बच्चेदानी के मुंह के कैंसर की चपेट में आने से बच सकें। क्योंकि हर साल इस बीमारी के चलते करीब 74 हजार महिलाओं को जान गंवानी पड़ रही है। शुक्रवार दोपहर मिशेल डॉक्टरों की टीम की निगरानी में मेहताब बाग पहुंचीं और वहां से ताज का दीदार किया। लोगों को कैंसर बीमारी से बचाव के तरीके बताए और फिर यमुना नदी में पैडल वोट चलाने का प्रयास किया। लेकिन अनुमति न होने के कारण उनकी यह इच्छा पूरी न हो सकी। उधर, होटल मुगल में विंग कमांडर साहिल फौजदार ने साहसी महिला मिशेल से मुलाकात की, उनका हालचाल लिया। मिशेल ने अपनी प्लानिंग के बारे | ||
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Saturday, November 5, 2011
अंतिम समय में केंसरहे दो दो हाथ र से लड़ते
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