जनलोकपाल विधेयक के लिए आंदोलन कर रहे सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हज़ारे ने कहा है कि वे अपनी 'कोर कमेटी' का पुनर्गठन करने की योजना बना रहे हैं.
दिल्ली से अपने गाँव रालेगण सिद्धि पहुँचे अन्ना हज़ारे ने पत्रकारों के साथ बातचीत में कहा कि वे अपनी टीम में धार्मिक अल्पसंख्यकों, दलितों, आदिवासियों और युवाओं को प्रतिनिधित्व देकर भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ अपने आंदोलन को मज़बूत बनाना चाहते हैं.
पिछले दिनों अन्ना हज़ारे की टीम के कुछ अहम सदस्यों पर गंभीर आरोप लगे थे.
इन सदस्यों में किरण बेदी और अरविंद केजरीवाल भी शामिल थे. हालाँकि अन्ना का कहना है कि उनके टीम के सदस्यों को परेशान किया जा रहा है.
उन्होंने केंद्र की संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) की सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जो लोग लोकपाल आंदोलन से डरे हुए हैं, वे उनकी टीम के सदस्यों और समर्थकों पर हमला कर रहे हैं.
डर
अन्ना ने कहा, "कुछ लोग डर गए हैं कि मज़बूत और प्रभावी लोकपाल आने से उनका राजनीतिक करियर जोखिम में पड़ जाएगा."
उन्होंने कहा कि वे अपनी टीम में दलित, मुस्लिम, आदिवासी सबको शामिल करेंगे ताकि कोई ये शिकायत न करे कि उन्हें मौक़ा नहीं दिया गया.
अन्ना हज़ारे ने कहा, "हर युवा को प्रतिनिधित्व दिया जाएगा. समिति में युवा शक्ति काफ़ी ज़रूरी है. विभिन्न समुदायों के युवाओं को समिति में शामिल किया जाएगा. मौजूदा समिति ढाई महीने पुरानी है, लेकिन अब जो समिति बनेगी, वो लंबे समय के लिए होगी."
उन्होंने कहा कि जब कोर कमेटी बनी थी, तो लोगों ने ये शिकायत की थी कि हर तबके को प्रतिनिधित्व नहीं दिया गया है.
अन्ना हज़ारे ने कहा कि उनकी टीम किसी के दबाव में नहीं झुकेगी. उन्होंने सरकार को चुनौती दी कि वो उनके टीम के सदस्यों पर लगे अनियमितता के आरोपों का सबूत दे.
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