खुशखबरी सरकार फिलहाल पेट्रोल के दाम नही बढ़ाएगी.बुधवार को कैबिनेट की बैठक में फैसला लिया जायेगा.सरकार ने पेट्रोल के दाम न बढाने के लिए तेल कंपनियों से फिलहाल माना कर दिया है.
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में महंगा होता कच्चा तेल और डॉलर तेल कंपनियों का तेल निकाल रहा है। पिछले महीने 15/16 दिसंबर को हुई तेल कंपनियों की बैठक में पेट्रोल के दाम नहीं बढ़ाने का फैसला लिया गया था लेकिन इस बार माना जा रहा है कि कंपनिया दाम बढ़ा सकती हैं।लेकिन सरकार की अनुमति के बिना तेल कंपनिया भी दाम नही बड़ा सकती.
पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुए सरकार तेल कीमते बढ़ाने से हाथ पीछे खींच सकती है। हांलाकि पिछले हफ्ते ही दिल्ली में सीएनजी कीमतों में 1.75 रुपए की वृद्धि की गई थी। जबकि नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद में यह वृद्धि 2 रुपए की थी। इस हिसाब से दिल्ली में पेट्रोल की कीमतों में 1.78 रुपए का इजाफा किया जा सकता है जो वैट और दूसरे टैक्स लगाकर 2.10 से 2.13 रुपए तक होगा।
तेल के दाम को पिछले साल जून में सरकार ने तेल कंपनियों के हाथ में ही दे दिया था वो अपनी मर्जी से दाम बढ़ाते थे. लेकिन तब भी तेल कंपनियों को कीमतें बढ़ाने से पहले सरकार की अनुमति लेनी पड़ती थी और है
देखना यह होगा की चुनाव के मद्देनजर क्या सरकार पेट्रोल के दामो में कोई इजाफा न करके लोगो के वोट बटोर पाती है या नही.
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में महंगा होता कच्चा तेल और डॉलर तेल कंपनियों का तेल निकाल रहा है। पिछले महीने 15/16 दिसंबर को हुई तेल कंपनियों की बैठक में पेट्रोल के दाम नहीं बढ़ाने का फैसला लिया गया था लेकिन इस बार माना जा रहा है कि कंपनिया दाम बढ़ा सकती हैं।लेकिन सरकार की अनुमति के बिना तेल कंपनिया भी दाम नही बड़ा सकती.
पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुए सरकार तेल कीमते बढ़ाने से हाथ पीछे खींच सकती है। हांलाकि पिछले हफ्ते ही दिल्ली में सीएनजी कीमतों में 1.75 रुपए की वृद्धि की गई थी। जबकि नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद में यह वृद्धि 2 रुपए की थी। इस हिसाब से दिल्ली में पेट्रोल की कीमतों में 1.78 रुपए का इजाफा किया जा सकता है जो वैट और दूसरे टैक्स लगाकर 2.10 से 2.13 रुपए तक होगा।
तेल के दाम को पिछले साल जून में सरकार ने तेल कंपनियों के हाथ में ही दे दिया था वो अपनी मर्जी से दाम बढ़ाते थे. लेकिन तब भी तेल कंपनियों को कीमतें बढ़ाने से पहले सरकार की अनुमति लेनी पड़ती थी और है
देखना यह होगा की चुनाव के मद्देनजर क्या सरकार पेट्रोल के दामो में कोई इजाफा न करके लोगो के वोट बटोर पाती है या नही.

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