सरकार ने सोशल वेबसाइट्स से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि आपत्तिजनक सामग्री की अपलोडिंग रुकनी चाहिए। आईटी और टेलीकॉम सचिव आर. चंद्रशेखर ने कहा, हम किसी तरह की सेंसरशिप में विश्वास नहीं रखते। किसी भी कंपनी को काम करने के लिए उस देश का कानून मानना ही पड़ता है। हर कोई तकनीक जानता है।
सरकार ने गुरुवार को कहा कि इंटरनेट को सेंसर करने की उसकी कोई योजना नहीं है। लेकिन यहां काम करने की इच्छुक गूगल, फेसबुक सहित सभी कंपनियों को देश का कानून मानना होगा।
राष्ट्रीय एकता के लिए खतरा भी बन रहा है।
गूगल इंडिया और सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक की याचिका पर 23 जनवरी को हाईकोर्ट सुनवाई करेगी। निचली अदालत ने उन्हें वेबसाइट्स पर आपत्तिजनक सामग्री डालने के मामले में समन जारी किए हैं।
इसे ही उन्होंने चुनौती दी है। जस्टिस सुरेश कैत को गुरुवार को दोनों वेबसाइट्स और शिकायतकर्ता की दलीलें सुननी थी, लेकिन उन्होंने इसे 23 जनवरी के लिए टाल दिया। निचली अदालत ने 23 दिसंबर को 21 वेबसाइट्स को समन जारी किए थे। उन पर आपराधिक साजिश रचने, अश्लील किताबें एवं सामग्री युवाओं को बेचने का आरोप है।

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