शुक्रवार पूरी रात अन्ना को खांसी होती रही और वह ठीक से सो भी नहीं सके।मजबूत लोकपाल के लिए अनशन से पहले अन्ना हजारे की तबीयत खराब हो गई है।ऐसे में अन्ना की तबीयत पर सबकी नजर होगी क्योकि उनके विरोधी उनके इस ऐलान पर यह कहते हुए चुटकी लेते थे कि अन्ना को अपनी सेहत पर ध्यान देना चाहिए।

वह शनिवार सुबह रोज की तरह जल्दी नहीं उठे शक है कि अन्ना को ठंड लग गई है।।वह रोज सुबह टहलने के लिए जाते थे , लेकिन शनिवार को वह देर तक सोते रहे। उन्होंने पत्रकारों से कहा- अभी तबीयत थोड़ी ठीक नहीं है। डॉक्टर आकर अन्ना की तबीयत की जांच करेंगे। उसके बाद ही पता चल सकेगा कि वह अनशन के लिए फिट हैं या नहीं।
अन्ना का अनशन मुंबई के एमएमआरडीए मैदान में होगा। बांबे हाईकोर्ट ने अन्ना के अनशन के लिए रियायती दर पर मुंबई का एमएमआरडीए मैदान मुहैया कराने की मांग ठुकरा दी है। शुक्रवार को हुई सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि ‘यह हिसाब लगाना मुश्किल है कि लोकपाल बिल के खिलाफ अनशन जनहित में है या राजनीति से प्रेरित।’ इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि जब बिल पर संसद में चर्चा तय है तो फिर समानांतर बहस की इजाजत नहीं दी जा सकती।’
कोर्ट के फैसले के फौरन बाद अन्ना ने कहा कि उनका अनशन एमएमआरडीए मैदान में ही होगा। मैदान का किराया लोगों से चंदा लेकर जमा किया जाएगा। हालांकि उन्होंने कहा कि साथियों को कोर्ट नहीं जाना चाहिए था। इस बीच, टीम अन्ना को एमएमआरडीए रियायत देने पर राजी हो गया है। एमएमआरडीए ने 4.50 लाख रुपए की रियायत दी है। संस्था को अब 6.80 लाख ही देने होंगे। मैदान का रोजाना किराया 3.80 लाख रुपए है। इसके आधार पर पहले 11,31,678 रुपए की मांग की गई थी।
जस्टिस पीबी मजुमदार और मृदुला भाटकर की बेंच ने कहा, ‘पक्ष में हमारे आदेश देने का मतलब होगा कि हम संसद की कार्यवाही में दखल दे रहे हैं।’ साथ ही बेंच ने कहा कि आंदोलन आपके लिए सत्याग्रह हो सकता है, लेकिन बाकी के लिए मुसीबत होगी। कोर्ट ने तीन दिन के लिए पूरा आजाद मैदान मुहैया कराने के निर्देश देने से भी मना कर दिया।
मैदान में क्रिकेट के 22 पिच हैं। इनके खराब होने का खतरा है। टीम अन्ना ने अनशन की जगह का दूसरा विकल्प आजाद मैदान चुना था
सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने कहा कि खेल विभाग आजाद मैदान का पूरा हिस्सा देने को राजी नहीं है।
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