भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए लोकपाल बिल की मांग कर रहे अन्ना हजारे की उम्मीदों पर केंद्र सरकार ने एक बार फिर पानी फेरने की तैयारी कर ली है सरकार ने कबिनेट में तीन अलग-अलग बिल पास करा लिए जिससे अन्ना के लोकपाल बिल के कई टुकड़े हो गए इसी बिल के अंतर्गत जजों की संपत्ति का खुलासा भी हो पायेगा और न्यायिक जवाबदेही के अंतर्गत न्यायपालिका पर नजर भी रखी जा सकेगी. ब्सिटिज़न चार्टर ,ज्यूडिशियल अकाउंटेबिलिटी चार्टर, व्हिशल ब्लोअर प्रोटेक्शन बिल को लोकपाल से अलग कर दिया और कबिनेट की बैठक में मंजूर करा दिया गया लोकपाल बिल के ड्राफ्ट पर आज होने वाली सर्वदलीय बैठक में चर्चा होगी.
अन्ना के लोकपाल बिल की मांग थी की लोकपाल बिल के दायरे में न्याय व्यवस्था को भी लाया जाये.सरकार ने इसे नजरअंदाज कर दिया और अलग ही बिल पास करा लिया.
१५ दिसंबर को प्रधानमंत्री विदेश जा रहे है और वहा से दो दिन के बाद ही लोटेंगे.लोकपाल बिल में कोई भी परिवर्तन अब १९ दिसंबर को कैबिनेट की बैठक में ही होगा .देखना होगा की सरकार अन्ना की बाकि की तीन मांगो को भी स्वीकार करता है या नही
अन्ना के लोकपाल बिल की मांग थी की लोकपाल बिल के दायरे में न्याय व्यवस्था को भी लाया जाये.सरकार ने इसे नजरअंदाज कर दिया और अलग ही बिल पास करा लिया.
१५ दिसंबर को प्रधानमंत्री विदेश जा रहे है और वहा से दो दिन के बाद ही लोटेंगे.लोकपाल बिल में कोई भी परिवर्तन अब १९ दिसंबर को कैबिनेट की बैठक में ही होगा .देखना होगा की सरकार अन्ना की बाकि की तीन मांगो को भी स्वीकार करता है या नही

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