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Monday, December 12, 2011

अन्ना हजारे पर कांग्रेस का चौतरफा हमला


नई दिल्ली। कांग्रेस ने समाजसेवी व गांधीवादी नेता अन्ना हजारे के खिलाफ सोमवार को मोर्चा खोल दिया। कांग्रेस नेता बेनी प्रसाद वर्मा ने कहा कि यदि अन्ना हजारे उत्तार प्रदेश आएंगे तो हम उन्हें देख लेंगे।
उन्होंने कहा कि अब अन्ना विपक्ष के प्रवक्ता बन गए हैं। कानून मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा कि संसदीय लोकतंत्र चर्चा पर निर्भर करता और इसमें हर मुद्दे पर चर्चा होनी चाहिए। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अंबिका सोनी ने विपक्ष पर दोहरा मापदंड अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा है कि जब संसद का सत्र चल रहा है तो वह इस मुद्दे को बाहर क्यों उठा रहा है।
अंबिका ने कहा कि संसद के बाहर मुद्दों को उठाने से प्रदर्शित होता है कि विपक्ष दोहरे मापदंड को अपना रहा है। इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता। जब हम संसद के बाहर बोलते हैं तो विपक्ष कहता है कि यह संसदीय परंपरा के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि हम एक मजबूत लोकपाल चाहते हैं, लेकिन इस पर संसद में चर्चा होनी चाहिए।
आंध्र प्रदेश से कांग्रेस सांसद हनुमंत राव ने टीम अन्ना पर पलटवार करते हुए कहा है कि वे कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी पर हमले से बाज आए। वहीं,
कांग्रेस प्रवक्ता राशिद अल्वी ने कहा कि राहुल गांधी मजबूत लोकपाल चाहते थे और प्रस्तावित संस्था को संवैधानिक दर्जा देने के पक्ष में हैं। उन्होंने कहा, 'अन्ना हजारे राजनीति कर रहे हैं।
यह पूछने पर कि कांग्रेस ने हजारे के अनशन स्थल पर कल अपना प्रतिनिधि क्यों नहीं भेजा तो राशिद अल्वी ने कहा, 'हम वहां इसलिए नहीं गए कि हम उस मंच पर उपस्थित नहीं हो सकते जहां सोनिया और राहुल गांधी की आलोचना हो रही हो।' 
उधर, राहुल गांधी पर निशाना साधने पर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने टीम अन्ना को आड़े हाथ लेते हुए उस पर आरोप लगाया कि उसका इरादा राजनीतिक है और वह कांग्रेस के खिलाफ माहौल बनाने पर आमादा है। सिंह ने मजबूत लोकपाल के मुद्दे पर पीछे हटने का सवाल नहीं होने की बात करते हुए कहा, 'पूरी अन्ना टीम, बाबा रामदेव और श्री रविशंकर का इरादा राजनीतिक है। उनके लिए भ्रष्टाचार मुद्दा नहीं है, उनका मुद्दा यह है कि कांग्रेस के खिलाफ कैसे माहौल बनाया जाए। उन्होंने इशारा किया कि अन्ना टीम भाजपा के लिए काम कर रही है।
उन्होंने कहा, 'भाजपा की रणनीति आतंकवादी गतिविविधियों में शामिल संघ के सदस्यों से ध्यान हटाने की है।'
सिंह ने कहा, 'अब टीम अन्ना ने यह बात स्वीकार ली है कि लोकपाल को संवैधानिक दर्जा दिया जाना चाहिए।'
उन्होंने पूछा कि राहुल को क्यों निशाना बनाया जा रहा है जबकि उन्होंने इस मुद्दे पर कोई और बयान नहीं दिया।'
राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद ने अन्ना हजारे की सांसदों के खिलाफ टिप्पणी के लिए आलोचना की और कहा कि इस तरह की भाषा का इस्तेमाल देश को अराजकता की ओर ले जा सकता है।
लालू ने संसद के बाहर संवाददाताओं से कहा, 'अन्ना हजारे का यह बयान कि 180 सांसद गुंडे हैं, यह बेहद आपत्तिजनक है। उन्हें [हजारे को] अपने शब्द वापस लेने चाहिए।'
उन्होंने कहा कि जंतर-मंतर पर कल दिनभर के अपने अनशन के दौरान हजारे ने कहा था कि 180 सांसद जिनके खिलाफ आपराधिक मामले हैं, वे संसद में गुंडे हैं।
अन्ना हजारे पर ''तानाशाही और फासीवादी रवैया'' दिखाने का आरोप लगाते हुए राज्यसभा सांसद बालचंद्र मुंगेकर ने कहा कि लोकपाल विधेयक को लागू करवाने का तरीका उनकी समझ की कमी और संसद की अवमानना को दर्शाता है।
राहुल गांधी पर अन्ना के हमले में भी उन्हें खोट नजर आया और उन्होंने कहा कि हजारे यह सब देश की 'कुछ ताकतों' की ओर से कर रहे हैं।
मुंगेकर ने कहा, 'भ्रष्टाचार के मुद्दे को उछालने के लिए भारत के लाखों लोग हजारे के कृतज्ञ हैं, लेकिन शुरू से ही वह जो तरीका अपना रहे हैं वह तानाशाही और फासीवादी है।'
एक बयान में उन्होंने कहा कि हजारे के खुद के चुने गए पांच लोगों की टीम भारतीय समाज का प्रतिनिधित्व नहीं करती, बल्कि यह उनका तानाशाही रवैया है।
मुंगेकर ने दावा किया कि भ्रष्टाचार निरोधक विधेयक के मसौदे में हजारे की टीम को शामिल कर सरकार ने भारतीय संविधान से सबसे बड़ा और अभूतपूर्व समझौता किया है।
असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने अन्ना पक्ष के सदस्यों पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि उनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षाएं हैं और ऐसा लगता है कि उनका मुख्य उद्देश्य संप्रग सरकार को गिराना है। गोगोई ने यहां संवाददाताओं से कहा, 'मुझे उनके [अन्ना पक्ष] बयानों को और विरोध के तरीके को देखकर ऐसा लगता है कि उनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षाएं हैं। ऐसा लगता है कि उनका मुख्य उद्देश्य संप्रग सरकार को गिराना है। मुझे समझ में नहीं आता कि वे हमेशा प्रधानमंत्री, सोनिया गांधी और राहुल गांधी की आलोचना क्यों करते हैं।'
उन्होंने कहा कि अन्ना हजारे देश में ऐसे पहले व्यक्ति नहीं हैं जिन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष शुरू किया है कि उनसे भी पहले ऐसे लोग हुए हैं जिन्हें भ्रष्टाचार का कड़ा विरोध करने के लिए याद किया जाता है।
गोगोई ने कहा, ''अन्ना लोकपाल पर संसदीय समिति की रिपोर्ट की आलोचना कर रहे हैं लेकिन ऐसा लगता है कि वह यह भूल गए हैं कि समिति केवल कांग्रेस से नहीं बल्कि विभिन्न दलों के सदस्यों से बनती है।'
उन्होंने कहा कि असम लोकपाल विधेयक को विधानसभा में बजट सत्र के दौरान रखा जाएगा। उन्होंने कहा, 'लेकिन भ्रष्टाचार को सभी स्तरों से पूरी तरह से मिटा पाना असंभव है।'

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