लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने बुधवार को उत्तर प्रदेश को चार हिस्सों में बांटने के राज्य विधानसभा द्वारा पारित प्रस्ताव को चुनौती देने संबंधी दो जनहित याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित कर लिया।
न्यायमूर्ति प्रदीप कांत तथा सबीहुल हसनैन की खंडपीठ ने वादकारियों, केंद्र तथा राज्य सरकार के वकीलों की दलीलों की सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित कर लिया।
गौरतलब है कि पिछले महीने दायर दो अलग-अलग जनहित याचिकाओं में राज्य विधानसभा द्वारा गत 21 नवम्बर को पारित उत्तर प्रदेश को चार हिस्सों में बांटने संबंधी प्रस्ताव को चुनौती दी गई थी।
याचियों का तर्क है कि वे उत्तर प्रदेश में रहते हैं और राज्य का विभाजन होने पर उनके हित प्रभावित होंगे। उन्होंने अदालत से सूबे के बंटवारे संबंधी प्रस्ताव को रद्द करने तथा इसे नए सिरे से विचार के लिए विधानसभा अध्यक्ष के सामने रखने के निर्देश देने का अनुरोध किया है।
ज्ञातव्य है कि मायावती सरकार ने राज्य विधानसभा ने गत 21 नवंबर को उत्तर प्रदेश के अवध प्रदेश, पूर्वाचल, बुंदेलखंड तथा पश्चिम प्रदेश में बांटने संबंधी प्रस्ताव आनन-फानन में पारित करा दिया था

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